बीते दिन Crypto Scam से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाही को CBI ने अंजाम दिया है। जहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने देश भर के विभिन्न शहरों में छापे मारे हैं। यह छापे GainBitcoin Scam के खिलाफ की जा रही जांच का हिस्सा हैं, जिसमें ₹6606 करोड़ के धोखाधड़ी के आरोप हैं। CBI ने बुधवार को मुंबई, पुणे, नांदेड़ और कोल्हापुर समेत कई अन्य शहरों में कार्रवाई की और इस दौरान करीब ₹23.94 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी, दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक टूल्स जब्त किए हैं।
GainBitcoin Scam, एक बिटकॉइन बेस्ड मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना थी। जिसके खिलाफ CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ही अपनी जांच कर रहे हैं। यह स्कैम 2015 में शुरू हुआ था और कथित तौर पर इसमें सैकड़ों निवेशकों को ठगा गया। आज जब Bitcoin Price 2015 की तुलना में डबल हो चुका है, तब यह एक बड़े क्रिप्टोकरेंसी स्कैम का रूप ले चुका है। आइए इस स्कैम और CBI की जांच के ताजे अपडेट पर नजर डालते हैं।
CBI की छापेमारी और जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी
CBI की छापेमारी एक बड़े स्तर पर की गई, जिसमें न केवल महाराष्ट्र के चार शहरों, बल्कि दिल्ली, चंडीगढ़, बैंगलोर, मोहाली, झांसी और हुबली जैसे शहरों में भी कार्रवाई की गई। CBI के अधिकारियों जे अनुसार इस छापेमारी में जो क्रिप्टोकरेंसी, दस्तावेज़ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक टूल्स जब्त किए गए हैं, वे संभावित रूप से इस स्कैम से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन सामग्री से फंड के गबन और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन से जुड़ी जानकारी मिल सकती है।
यह छापेमारी CBI द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी से जुड़े आरोपों के तहत की जा रही एक व्यापक जांच का हिस्सा है। CBI ने इन क्रिप्टो असेट्स को जब्त किया और उनकी जांच शुरू कर दी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।
GainBitcoin Scam और इसके कारण
GainBitcoin एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीम थी, जिसे 2015 में अमित भारद्वाज (अब मृत) और उनके भाई अजय भारद्वाज द्वारा लॉन्च किया गया था। यह स्कीम Bitcoin में निवेश करने का लालच देती थी और निवेशकों को हर महीने 10% का रिटर्न देने का वादा करती थी। इस योजना का मॉडल पिरामिड स्कीम जैसा था, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से आए पैसों से भुगतान किया जाता था।
हालांकि, 2017 तक निवेशकों की संख्या में गिरावट आई, और फिर इस स्कीम ने अपने भुगतान को बिटकॉइन से बदलकर MCAP नामक एक इन-हाउस क्रिप्टोकरेंसी में कर दिया। MCAP की कीमत बिटकॉइन के मुकाबले काफी कम थी और इससे निवेशकों को और भी नुकसान हुआ। अंत में, यह स्कीम पूरी तरह से ढह गई और हजारों निवेशक अपने पैसे गंवा बैठे।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह पता चला है कि इस स्कैम के जरिए करीब ₹6,606 करोड़ से भी ज्यादा कीमत के Bitcoin इकट्ठा किए गए थे। ED का आरोप है कि आरोपियों ने इन बिटकॉइन को सीक्रेट ऑनलाइन वॉलेट्स में छुपा लिया था और इसके जरिए क्राइम की अर्निंग को विदेशों में स्थानांतरित किया।
कन्क्लूजन
CBI और ED की जांच में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और यह अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ धोखाधड़ी का मामला बन चुका है। GainBitcoin Scam की वास्तविकता के सामने आने से हजारों निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है और यह क्रिप्टोकरेंसी आधारित धोखाधड़ी को लेकर एक चेतावनी है। CBI द्वारा की गई छापेमारी और जब्त की गई क्रिप्टो असेट्स इस स्कैम के तारों को जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। इस मामले की पूरी सच्चाई और अपराधियों की पहचान के साथ न्याय की प्रक्रिया अभी जारी है और आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं। creator solana token